Akbar mughal emperor biography in english

Abu'l-Fath Jalal-ud-din Muhammad Akbar 14 October 1542-1605 was the  third Mughal Emper or . He was conceived in Umarkot (presently Pakistan). He was the child of second Mughal Emperor Humayun.    Akbar turned into the by law lord in 1556 at 13 years old when his dad passed on. Bairam Khan was delegated as Akbar's official and boss armed force administrator. Not long after coming to control Akbar vanquished Himu, the general of the Afghan powers, in the Second Battle of Panipat. Following a couple of years, he finished the regime of Bairam Khan and assumed responsibility for the realm. He at first offered fellowship to the Rajputs. Notwithstanding, he needed to battle against certain Rajputs who contradicted him. In 1576 he vanquished Maha Rana Pratap of Mewar in the Battle of Haldighati. Akbar's wars made the Mughal realm more than twice as large as it had been previously, covering the greater part of the Indian subcontinent with the exception of the south. Akbar's rul

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Solar System In Hindi – सौरमंडल के बारे में पूरी जानकारी और रोचक तथ्य

Solar System in Hindi:- इस पोस्ट में सौरमंडल की प्रक्रिया के बारे में जानेंगे। सौरमंडल में कितने ग्रह है। वह ग्रह सूर्य से कितने दुरी पर है? वह ग्रह किससे बने है? हर ग्रह का आकार क्या है? उनका परिवलन और परिक्रमण समय कितना है? और सभी ग्रह की जानकारी। सौरमंडल में एक तारा याने सूर्य, आठ ग्रह याने बुध, शुक्र, पृथ्वी, मंगल, ब्रहस्पती, शनि, अरुण, वरुण और 166 उपग्रह है। सभी ग्रह सूर्य के ग्रुत्वकर्षण के कारन सूर्य के इर्द गिर्द चकर काटते है।

सौर प्रणाली की खोज – कोपरनिकस ने की और सौर प्रणाली के गति का नियम केप्लर ने दिया।

सूर्य (Sun)
सूर्य एक तारा है जो सौरमंडल का सबसे बड़ा तारा है।
जिसकी परधी 13,90,000 किलोमीटर है। अगर सूर्य की पृथ्वी के साथ तुलना करे तो पृथ्वी से सूर्य 109 गुना बड़ा है।
सूर्य एक गैसिय गोला है 71% हायड्रोजन 26.5% हेलिअम और 2.5% अन्य तत्व है। केंद्र पर हाइड्रोजन के चार नाभिक मिलकर एक हीलियम का नाभिक करता है। इसके केंद्र पर नाभिकीय संलयन क्रिया होती है जो की सूर्य की ऊर्जा का स्त्रोत है।
सूर्य के ग्रुत्वकर्षण के कारन सभी ग्रह सौरमंडल में ठीके है।
सूर्य आकाशगंगा के केंद्र की परिक्रमा करता है। सूर्य को आकाशगंगा की एक परिक्रमा करने में 22 से 25 करोड़ साल का समय लगता है।
सूर्यकिरण सूर्य से पृथ्वी तक आने में 8 मिनिट 16 सेकंड का समय लगता है।
सूर्य में काले धब्बे वे स्थान है जो प्रकाश उत्सर्जित करने में असमर्थ है।
बुध (Mercury) 
बुध ग्रह का व्यास लगभग 4,880 किमी है।
बुध सूर्य के सबसे निकट का और सौरमंडल का सबसे छोटा ग्रह है।
इस ग्रह पर रात बर्फीली याने (-176°C) और दिन अति गर्म याने (450°C) होता है।
यह सौरमंडल का एकमात्र ऐसा ग्रह है जो सूर्य की परिक्रमा सबसे जल्दी 88 दिनों में पूरी करता है। और अपनी जगह घूमने के लिए 58.65 दिन लगते है।
यह ग्रह सूर्य से 4,60,00000 से 7,0000000 किलोमीटर दूर है।
इस ग्रह पर जीवन संभव नहीं है क्युकी यहाँ वायुमंडल नहीं है।
बुध ग्रह का कोई उपग्रह नहीं है।
बुध ग्रह अपनी जगह 0.1° डिग्री झुका हुआ है।
सूर्यास्त होने से कुछ मिनिट पहले हम इस ग्रह को खुले आखोसे देख सकते है।
इस ग्रह पर ऑक्सीजन,सोडियम, हाइड्रोजन, हीलियम, और पोटाशियम पाए जाते है।
गैलीलियो गैलिली ने बुध को सबसे पहले देखा था।
पृथ्वी पर आपका वजन 50 kg है तो बुध पर 19 kg होगा।
अगर सूर्य को हम बुध ग्रह से देखेंगे तो तीनगुना बड़ा दिखेगा।
शुक्र (Venus)
यह ग्रह सूर्य से दूसरे स्थान पर आता है। इस ग्रह को सूर्य का पूरा चकर लगाने में 224.7 दिन लगते है। और अपनी जगह घूमने के लिए 243 दिन लगते है।
यह ग्रह सूर्य से 10,80,00000 कि.मीटर दूर है। इस ग्रह का कोई उपग्रह नहीं है।
शुक्र पृथ्वी के सबसे निकट का ग्रह है। सौरमंडल का सबसे चमकीला और सबसे गर्म ग्रह है।
वरुण ग्रह की तरह इस ग्रह की एक खाशियत है। यह पश्चिम से पूर्व की ओर सूर्य की परिक्रमा करता है जो कि सभी ग्रहोंसे विपरीत है। इसलिए यहाँ पश्चिम से सूर्य उगता और पूर्व में अस्त होता है।
इसलिए इस ग्रह को “Evening Star” या “Morning Star” कहा जाता है।
इसका व्यास 12092 किमी है। शुक्र का आकर, घनत्व पृथ्वी के समान है। इस लिए इसे कई नामो से जाना जाता है। Earth Twin (पृथ्वी का जुड़वा ग्रह), Earth Sister (पृथ्वी की बहन)
इस ग्रह के वायु मंडल में 96% कार्बनडायऑक्साइड है। इस लिय यह सौरमंडल का सबसे गर्म ग्रह है।
शुक्र ग्रह को हम खुली आँखो से देख सकते है।
इसका तापमान 462°C तक पोहचता है। शुक्र अपनी कक्षा पर 177°C झुका हुआ है।

वैज्ञानिकों ने शुक्र ग्रह पर अलौकिक जीवन के संभावित संकेतों का पता लगाया


इस अध्ययन के सह-लेखक क्लारा सूसा-सिल्वा के अनुसार, शुक्र ग्रह पर फॉस्फीन को खोजने के लिए सबसे प्रशंसनीय व्याख्या अलौकिक (एक्स्ट्राटेरेस्ट्रियल) जीवन का अस्तित्व है.


वैज्ञानिकों ने इस 14 सितंबर, 2020 को खुलासा किया है कि, उन्होंने निर्जन शुक्र ग्रह पर जीवन के संभावित संकेतों का पता लगाया है. इन वैज्ञानिकों ने शुक्र ग्रह के अम्लीय बादलों में फॉस्फीन नामक एक गैस का पता लगाया है जिससे यह इंगित होता है कि, पृथ्वी के पड़ोसी में जीवाणुओं का वास हो सकता है.  

हवाई में जेम्स क्लर्क मैक्सवेल टेलीस्कोप का उपयोग करके एक अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिक टीम द्वारा शुक्र ग्रह में पहली बार फॉस्फीन की उपस्थिति को देखा गया. इन शोधकर्ताओं ने बाद में चिली में ALMA (अटाकामा लार्ज मिलिमीटर / सबमिलिमिटर एरे) रेडियो टेलीस्कोप का उपयोग करके अपनी इस खोज की पुष्टि की.

यह अध्ययन वैज्ञानिक पत्रिका - नेचर एस्ट्रोनॉमी में प्रकाशित हुआ था.

इस खोज का क्या अर्थ है?

अध्ययन के सह-लेखक क्लारा सूसा-सिल्वा के अनुसार, शुक्र ग्रह पर फॉस्फीन को खोजने के लिए सबसे प्रशंसनीय व्याख्या अलौकिक जीवन का अस्तित्व है. मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में सोसा-सिल्वा आणविक खगोल भौतिकीविद् हैं.

उन्होंने आगे यह बताया कि, यह खोज बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि, "यदि यह फॉस्फीन है, और यदि यह जीवन है, तो इसका मतलब है कि हम अकेले नहीं हैं." उन्होंने आगे यह भी कहा कि, इसका मतलब है कि, जीवन खुद में एक बहुत सामान्य-सी प्रक्रिया है और हमारी आकाशगंगा में कई अन्य ग्रह जीवन से आबाद होने चाहिए.

फॉस्फीन क्या है? 

फॉस्फीन परिवेशी तापमान पर एक ज्वलनशील, रंगहीन और विस्फोटक गैस है जिसमें लहसुन या सड़ने वाली मछली की गंध होती है.

शुक्र ग्रह पर फॉस्फीन की उपस्थिति

•    फॉस्फीन का पता शुक्र ग्रह के वायुमंडल के समशीतोष्ण क्षेत्र में 20 भाग - प्रति बिलियन में लगभग 50 किमी की ऊंचाई पर लगाया गया था, यह एक ऐसा संकेंद्रण है जो ज्ञात रासायनिक प्रक्रियाओं से संभव नहीं है, क्योंकि शुक्र ग्रह में उच्च तापमान और फॉस्फीन बनाने के लिए दबाव का अभाव है जिस तरह से अन्य गैस से युक्त विशाल ग्रह जैसेकि बृहस्पति करते हैं.

•    इस अध्ययन में यह कहा गया है कि, शुक्र ग्रह पर फॉस्फीन की उपस्थिति के लिए संभावित स्पष्टीकरण कुछ अज्ञात फोटोकैमिस्ट्री या जियोकेमिस्ट्री हो सकते हैं या फिर, पृथ्वी पर PH3 के जैविक उत्पादन के सादृश्य हो सकते हैं - यह जीवन की उपस्थिति से भी संभव हो सकता है.

•    इस अध्ययन के प्रमुख लेखक जेन ग्रीव्स ने यह खुलासा किया है कि, शोधकर्ताओं ने अपने शोध में ज्वालामुखी, उल्कापिंड, बिजली और विभिन्न प्रकार की रासायनिक प्रतिक्रियाओं जैसे संभावित गैर-जैविक स्रोतों की भी जांच की, लेकिन इनमें से कोई भी दिखाई नहीं दिया.

अलौकिक जीवन के संभावित संकेत

अंतरिक्ष अध्ययन शुरू किए जाने के बाद से लोकोत्तर जीवन का अस्तित्व विज्ञान के सर्वोपरि प्रश्नों में से एक रहा है. वैज्ञानिकों ने हमारे सौर मंडल और उससे आगे के अन्य ग्रहों और चंद्रमाओं पर "बायोसिग्नेचर्स" या जीवन के अप्रत्यक्ष संकेतों की तलाश के लिए जांच और दूरबीन का उपयोग किया है.

हालांकि, शुक्र ग्रह हमारे सौर मंडल में जीवन की खोज का केंद्र बिंदु नहीं था. मंगल ग्रह और बाहरी दुनिया के अन्य ग्रह अलौकिक जीवन के संभावित संकेतों का पता लगाने के लिए बड़े पैमाने पर केंद्र बिंदु रहे हैं.

शुक्र ग्रह निर्जन क्यों है?

•    सूर्य से दूसरे ग्रह और पृथ्वी के निकटतम पड़ोसी ग्रह, इस शुक्र ग्रह की संरचना ऐसी है जो पृथ्वी की तरह ही है लेकिन पृथ्वी से थोड़ी छोटी है. इस ग्रह को घने, विषैले वातावरण में लिपटे होने के लिए जाना जाता है जो गर्मी को रोकता है. शुक्र ग्रह की सतह का तापमान लगभग 471 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है, जोकि इतना अधिक गर्म होता है कि सीसा पिघल जाए. इसलिए, इस ग्रह को जीवन रहित या निर्जन माना जाता है.

•    अध्ययन के सह-लेखक क्लारा सूसा-सिल्वा के अनुसार, शुक्र ग्रह की सतह पर बहुत लंबे अरसे पहले जीवन हो सकता था और बहुत समय पहले जब किसी ग्रीनहाउस प्रभाव ने इस ग्रह के विशाल हिस्से को पूरी तरह से निर्जन बना दिया. उन्होंने आगे यह कहा है कि, वे केवल अनुमान लगा सकती हैं कि, अगर शुक्र ग्रह पर जीवन हो सकता है तो क्या वह जीवन बच सकता है.

पृष्ठभूमि

शुक्र ग्रह पर जीवन की उपस्थिति की पुष्टि करने के लिए एक नई अंतरिक्ष जांच की आवश्यकता हो सकती है. यह नवीनतम अध्ययन अलौकिक जीवन के निशान खोजने के लिए अंतर्राष्ट्रीय नीति में एक बड़ा बदलाव ला सकता है।

पृथ्वी (Earth)

kiI सूर्य से तीसरे स्थान पर आती है। इस ग्रह को सूर्य का पूरा चकर लगाने में 365 दिन लगते है। और अपनी जगह घूमने के लिए 24 घंटे लगते है।
व्यास:- 12,742 किमी
तापमान ज्यादा से ज्यादा 56.7 °C और कम से कम -89.2°C होता है।
यह सौरमंडल का एक मात्र ग्रह है, जिस पर जीवन है।
पृथ्वी सूर्य से 14,96,00000 किमी दूर है।
इस ग्रह पर 77% नायट्रोजन, 21% ऑक्सीजन और कुछ मात्रा में आयर्न और कार्बन डाइऑक्साइड है।
यह अपनी कक्षा में 23.45°C झुकी हुई है।
पृथ्वी का एक उपग्रह है, जिसका नाम चंद्रमा है, जो पृथ्वी से 3,84,400 किमी दूर है।
मंगल (Mars) – “Solar System in Hindi“
mars, मंगल 
मंगल (Mars) Image by skeeze from Pixabay
मंगल ग्रह सूर्य से चौथे स्थान पर आता है। जो सूर्य से 23,0000000 किमी दूर है।
इसे सूर्य का एक चकर लगाने में 1 साल 322 दिन लगते है। और अपनी जगह घूमने में 24 घंटे 39 मिनिट लगते है।
व्यास:- 6,794 किमी है।
तापमान ज्यादा से ज्यादा 130°C और कम से कम -55°C होता है।
मंगल को दो उपग्रह है जिसके नाम फ़ोबस और डाझमस है। (डाझमस सौरमंडल का सबसे छोटा उपग्रह है।)
इस ग्रह के द्रव्यमान को देखा जाए तो 95% कार्बन डायऑक्साइड है।
मंगल ग्रह पर लाल मिट्टी ज्यादा होने के कारन इसे लाल ग्रह के नाम से भी जाना जाता है।
अगर आपका पृथ्वी पर 100 किलो वजन है, तो मंगल पर 37 किलो होगा।
मंगल ग्रह अपनी कक्षा 25.19° झुका हुआ है।
सौरमंडल का सबसे बड़ा ज्वालामुखी ओलिपस मेसी और सौरमंडल का सबसे उच्चा पर्वत निक्स ओलम्पिया जो माउंट एवरेस्ट से तीन गुना उच्चा है, वह मंगल ग्रह पर स्थित है।
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बृहस्पति (Jupiter)
बृहस्पति सूर्य से पाचवे स्थान पर आता है। जो सूर्य से 77,83,40,821 किमी दूर है।
इसे सूर्य का एक चकर लगाने में 11 साल 317 दिन लगते है, और अपनी जगह घूमने में 9 घंटे 56 मिनिट लगते है। जो की सभी ग्रह के तुलना में ज्यादा है।
यह ग्रह पृथ्वी से 318 गुना बड़ा है।
व्यास:- 1,42,984 किमी है। इस लिए यह सौरमंडल का सबसे बड़ा ग्रह है।
तापमान:- -108°C होता है।
द्रव्यमान की बात की जाए तो बृहस्पति पर 71% हयड्रोजन 24% हीलियम 5% अन्य द्रव्यमान है। इसलिए इस ग्रह को गैस से भरा हुआ गोला भी कहाँ जाता है।
बृहस्पति को अपने 79 उपग्रह है।
शनि (Saturn) “Solar System in Hindi
शनि सूर्य से छठे स्थान पर आता है। इस ग्रह को सूर्य का एक पूरा चकर लगाने में 29 साल 175 दिन लगते है। और अपनी जगह घूमने के लिए 10 घंटे 40 मिनिट लगते है।
यह ग्रह सूर्य से 142,66,66,400 किलोमीटर दूर है
व्यास:- 1,02,728 किलोमीटर है। यह सौरमंडल में आकार में दूसरा सबसे बड़ा ग्रह है।
द्रव्यमान की बात की जाए तो शनि पर 96% हयड्रोजन 3% हीलियम 1% अन्य द्रव्यमान है। यह ग्रह भी गॅस का गोला है।
शनि को 62 अपने उपग्रह है इसमें सबसे बड़ा टाइटन उपग्रह है। टाइटन सौरमंडल का दूसरा सबसे बड़ा उपग्रह है।
यह ग्रह अपनी कक्षा में 26.73°C झुका हुआ है।
इस ग्रह को सबसे पहले सन 1610 में गैलिलिओ गलीली द्वारा खोजा गया।
शनि ग्रह की एक खास बात है, इस का घनत्व बहुत कम है जिसके कारन इसे अगर पानी में रखेंगे तो यह तैरने लगेगा।
अरुण Uranus)
अरुण सूर्य से सात वें स्थान पर आता है। जो सूर्य से 300,6,58,000 किमी दूर है।
व्यास:- 51,118 किलोमीटर है।
तापमान:- -197°C होता है।
इस ग्रह को सूर्य का एक चकर लगाने में 84 साल लग जाते है। और अपने जगह घूमने में 17 घंटे 14 मिनिट लगते है।
द्रव्यमान की बात की जाए तो शनि पर 83% हयड्रोजन 15% हीलियम 2.3% मीथेन है। यह ग्रह भी गैस का गोला है।
अरुण अपनी जगह 97.77°C झुका हुआ है।
इसे अपने 27 उपग्रह है। यह शुक्र ग्रह जैसा पश्चिम से पूर्व की ओर घूमता है।
अरुण अपनी परिक्रमा लुढ़कते लुढ़कते पूरी करता है।
इस ग्रह की 13 मार्च 1781 में विलियम हर्शेल ने पहचान की थी।
वरुण (Neptune)
वरुण सूर्य से आठ वें स्थान पर आता है। जो सूर्य से 439,83,96,441 किमी दूर है।
वरुण अपनी जगह घूमने में 16 घंटे 12 मिनिट का समय लेता है। और सूर्य का एक चकर लगाने में 60,190 दिन का समय लेता है, जो सभी ग्रह से ज्यादा है।
तापमान:- 200°C होता है।
वरुण अपनी कक्षा में 29.56°C झुका हुआ है।
इस ग्रह के अपने 13 उपग्रह है।
द्रव्यमान की बात की जाए तो शनि पर 80% हयड्रोजन 19% हीलियम 1% मीथेन है। इस ग्रह को बर्फीला गैस का गोला कहा जाता है।
इस ग्रह को पहली बार 23 सितंबर 1846 में दूरबीन से देखा गया था।

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Thanks for reading: Solar System In Hindi – सौरमंडल के बारे में पूरी जानकारी और रोचक तथ्य, Sorry, my English is bad:)

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I am a Journalist at Capital Mirror Media. I write post on International news, Entertainment news and Business.

1 comment

  1. Thx
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